Saturday, 21 September 2013

समां


"मै नज़र से पी रहा हूँ ये समां बदल न जाए ,
न झुकाव तुम निगाहे कही रात ढल न जाए"

"मेरे अश्क भी है इसमें ये शराब उबल न जाए,
मेरा जाम छूने वाले तेरा हाथ जल न जाए"

"अभी रात कुछ है बाकी न उठा नकाब साकी, 
तेरे रिंद गिरते गिरते कही फिर संभल न जाए"

"मेरे ज़िन्दगी के मालिक मेरे दिल पे हाथ रखना,
तेरे आने की ख़ुशी में मेरा दम निकल न जाए" 

"मुझे फूकने से पहले मेरा दिल निकाल लेना
ये किसी की है अमानत कही साथ जल न जाए"    














Saturday, 7 September 2013

सोज़



"मोहब्बत सोज़ भी है साज़ भी है 
ख़ामोशी भी  है आवाज़ भी है"

"मेरी ख़ामोशी ए दिल पर न जाओ 
कि  इसमें रुख की आवाज़ भी है"   

"दिले बेगाना खू ,दुनिया में तेरा 
कोई हमदम कोई हमराज़ भी है"