Thursday 29 November 2012
Wednesday 28 November 2012
समंदर
"झील है ,दरिया है,बादल है,समंदर कौन है
चाँद से पूछा गया उस से बेहतर कौन है"
"खुशबुओं का कर रही है अब भी साँसे इंतज़ार
वोह जो आते ही बदल देता है मंज़र कौन है"
"आज भी दिल में मेरे तस्वीर इक मौजूद है
झाँक के देखो की इस कमरे के अन्दर कौन है"
"सबसे छोटा आदमी भी शान से बोला है आज
मै भी हूँ सबसे अलग मेरे बराबर कौन है "
Tuesday 27 November 2012
Thursday 22 November 2012
तन्हा
"चाँद तन्हा है आसमाँ तन्हा,
दिल मिला है कहाँ-कहाँ तन्हा"
"बुझ गई आस, छुप गया तारा,
थरथराता रहा धुआँ तन्हा"
"ज़िन्दगी क्या इसी को कहते हैं,
जिस्म तन्हा है और जाँ तन्हा"
"हमसफ़र कोई गर मिले भी कभी,
दोनों चलते रहें कहाँ तन्हा"
"जलती-बुझती-सी रोशनी के परे,
सिमटा-सिमटा-सा एक मकाँ तन्हा"
"राह देखा करेगा सदियों तक
छोड़ जाएँगे ये जहाँ तन्हा।"
Wednesday 21 November 2012
तलबगार
"जो भी मिल जाता है घर बार को दे देता हूँ।
या किसी और तलबगार को दे देता हूँ।"
"धूप को दे देता हूँ तन अपना झुलसने के लिये
और साया किसी दीवार को दे देता हूँ।"
"जो दुआ अपने लिये मांगनी होती है मुझे
वो दुआ भी किसी ग़मख़ार को दे देता हूँ।"
"मुतमइन अब भी अगर कोई नहीं है, न सही
हक़ तो मैं पहले ही हक़दार को दे देता हूँ।"
"जब भी लिखता हूँ मैं अफ़साना यही होता है
अपना सब कुछ किसी किरदार को दे देता हूँ।"
"ख़ुद को कर देता हूँ कागज़ के हवाले अक्सर
अपना चेहरा कभी अख़बार को दे देता हूँ ।"
"मेरी दुकान की चीजें नहीं बिकती सदफ़
इतनी तफ़सील ख़रीदार को दे देता हूँ।"
Tuesday 20 November 2012
आसमाँ
"चाँद तन्हा है आसमाँ तन्हा,
दिल मिला है कहाँ-कहाँ तन्हा"
"बुझ गई आस, छुप गया तारा,
थरथराता रहा धुआँ तन्हा"
"ज़िन्दगी क्या इसी को कहते हैं,
जिस्म तन्हा है और जाँ तन्हा"
"हमसफ़र कोई गर मिले भी कभी,
दोनों चलते रहें कहाँ तन्हा"
"जलती-बुझती-सी रोशनी के परे,
सिमटा-सिमटा-सा एक मकाँ तन्हा"
"राह देखा करेगा सदियों तक
छोड़ जाएँगे ये जहाँ तन्हा।"
Saturday 10 November 2012
Wednesday 7 November 2012
Tuesday 6 November 2012
Monday 5 November 2012
ठोकर
"कच्ची दीवार हूं ठोकर ना लगाना मुझको
अपनी नज़रों में बसा कर ना गिराना मुझको"
"तुम को आंखों में तसव्वुर की तरह रखता हूं
दिल में धडकन की तरह तुम भी बसाना मुझको"
"बात करने में जो मुश्किल हो तुम्हें महफ़िल में
मैं समझ जाऊंगा नज़रों से बताना मुझको"
"वादा उतना ही करो जितना निभा सकते हो
ख़्वाब पूरा जो ना हो वो ना दिखाना मुझको"
"अपने रिश्ते की नज़ाकत का भरम रख लेना
मैं तो आशिक़ हूं दिवाना ना बनाना मुझको"
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