Thursday 20 December 2012

मौसम सुहाना


"फिर हमें उनको मनाना आ गया,
लीजिये मौसम सुहाना आ गया"

"बन गया मै  भी अब मुकम्मल इंसान,

दोस्ती मुझ को उनसे निभाना आगया"

"बेवफ़ा  है कौन मुझको नहीं मालूम,

चोट खाकर भी मुस्कुराना आ गया"। 

Tuesday 18 December 2012

दुआ



"वो दिल ही क्या जो तेरे मिलने की दुआ ना करे

मैं तुझे भूल के जिंदा रहूँ खुदा  न करे"


"रहेगा साथ तेरा  प्यार ज़िन्दगी बनके

ये और बात मेरी ज़िन्दगी वफ़ा न करे"


"सुना है उसको मोहब्बत दुआएं देती है

जो दिल पे चोट तो खाए मगर गिला न करे"


"अगर वफ़ा पे भरोसा न रहे दुनिया को

तो कोई शख्स मोहब्बत का हौसला न करे"


"ज़माना देख चुका है परख चुका है इसे 

कतील जान से जाए पर इल्तेजा न करे।"











जज़्बात










  

       "मेरे अंदाज़ वो समझ न सके,   
      मेरे जज़्बात वो समझ न सके",

    "वो समझ न सके मेरी मजबूरी,
    मेरे हालात वो समझ न सके।"                            
                        









Sunday 16 December 2012

होंठ



"एक दर्द बेपनाह को होंठों पे लाए है
दुनिया समझ रही है हम मुस्कराए है" 

"मैंने जिन आसुओं को जहाँ से छुपाए है 
बनकर हँसी वही मेरे होंठों पे आए है" 

"आने को आप याद तो हमको भी आए है 
लेकिन जब अपने आप को हम भूल जाए है"   

Saturday 15 December 2012

मंज़र


"मंज़र बड़े अजीब थे हैरान कर गए 
टकराए आईनों से तो पत्थर बिखर गए" 

"सहमे हुए थे इतने अंधेरो के खौफ से 
कुछ लोग दिन के वक़्त उजालों से डर गए"

"कागज़ की एक नाव पड़ी थी कही सदफ 
दरिया के पार हम तो उसी नाव से गए" 

Friday 14 December 2012

ख्वाब


"ख्वाब अधूरे भी कितने सुहाने लगे 
होश में आते आते ज़माने लगे"

"रात कैसी कटी जब गुलों से कहा

अश्क दामन में थे मुस्कराने लगे" 

"आँख होती रही नम ख़ुशी के लिए

मुस्कुराए तो ग़म याद आने लगे" 

"ग़म को सहने की आदत सितम हो गयी 

खुद बा खुद हम तो दिल को सताने लगे" 

Wednesday 12 December 2012

नज़र


"उसने न की अंधेरों पे मेरे कभी नज़र,
जिसके लिए चरागे दिले जा जला दिया"

"टुकड़े हज़ार करके मेरे दिल के ऐ हुज़ूर,
अच्छा मेरी वफाओं का तूने सिला दिया"

"सोया न जिसके वास्ते सदफ मै रात  भर,
उसने मेरा नसीब जगा  कर सुला दिया" 

Monday 10 December 2012

खुशबू



"अब के रुत बदली तो खुशबू का सफ़र देखेगा कौन, 
ज़ख्म फूलों की महकेंगे पर देखेगा कौन"

"वो हवस हो या वफ़ा हो बात महरूमी की है,
लोग तो फल फूल देखेंगे शजर देखेगा कौन"

"हम चरागे  ही जब ठहरे तो फिर क्या सोचना,
रात थी किसका मुक़द्दर और सहर देखेगा कौन"

Saturday 8 December 2012

चाँद



"झील है ,दरिया है बादल है,समंदर कौन है
चाँद से पूछा गया उससे बेहतर कौन है"

"आज भी दिल में मेरे तस्वीर एक मौजूद है 
झाँक के देखो की इस कमरे के अन्दर कौन है"

"खुशबुओं का कर रही है अब भी साँसे इंतज़ार 
वोह जो आते ही बदल देता है मंज़र कौन है"

Friday 7 December 2012

छुपा


"किसने मुझको सदा दी बता कौन है 
ऐ हवा तेरे घर में छुपा कौन है"

"बारिशों में किसी पेड़ को देखना 
शाल ओढ़े हुए भीगता कौन है" 

"खुशबुओं में नहाई हुई शाख पर 
मुस्कुराता हुआ फूल सा कौन  है" 

"मै यहाँ धूप  में तप रहा हूँ मगर 
वो पसीने में डूबा हुआ कौन है" 

Thursday 6 December 2012

हवाओं


"वो तो खुशबू है हवाओं में बिखर जायेगा,
मसअला फूल का है फूल किधर जायेगा"

"हम तो समझे थे एक ज़ख्म है भर जाएगा 
क्या खबर थी कि  रगे जा में उतर जाएगा"

"वो हवाओ की तरह खाना बजा फिरता है 
एक झोका है जो आएगा  गुज़र जाएगा"

बेगाना


"कर दिया तेरी नज़र ने सबसे बेगाना मुझे, 
सारी दुनिया कह रही है तेरा दीवाना मुझे" 

"एक ज़माना हो गया बिछड़े हुए तुझसे मगर, 
याद आ जाती है अब भी तेरी रोजाना मुझे" 

"बढ गयी मेरी नज़र में और कद्रे ज़िन्दगी,
दे दिया है उसने जबसे ग़म का नजराना मुझे" 

Wednesday 5 December 2012

दीवार


"प्यार की राह में दीवार उठाते क्यों हो
खुद को दुनिया की निगाहों में गिराते क्यों हो "

"जब मेरे नाम मेरे जिक्र से नफरत है तुम्हे 
मेरी तस्वीर को फिर घर में सजाते क्यों हो"

"एक दिन तुमको यह बदनाम भी कर सकता है 
अपनी हर बात ज़माने को बताते क्यों हो"

"तुमको मालूम नहीं लोग उड़ाते है मज़ाक 
मेरे लिखे हुए ख़त सबको दिखाते क्यों हो"

"फूल जिनके नहीं देते कोई खुशबू सदफ 
ऐसे ही पेड़ तुम आँगन में लगाते क्यों हो।"

सहारा



"ग़म से मिला है जिस को सहारा घड़ी घड़ी 
वो फिर रहा है इश्क में मारा घड़ी घड़ी"

"बचपन में क्या थे आप जवानी में क्या हुए 
मै कर रहा हूँ ज़िक्र तुम्हारा घडी घडी"

"क्यों जाने हमसे रूठ गया किस तरफ गया 
जो पूछता था हाल हमारा घडी घडी" 

"शिकवा तो ता हयात करेंगे उसी से हम 
देता रहे जो साथ हमारा घडी घडी।"

Tuesday 4 December 2012

हकीकत



"जो रिश्ते है हकीकत में वो अब रिश्ते नहीं होते 
हमें जो लगते है अपने वही अपने नहीं होते"

"कशिश होती है कुछ फूलों में पर खुशबू नहीं होती 
ये अच्छी सूरतों वाले सभी अच्छे नहीं होते"

"सभी के पेट को रोटी ,बदन पे कपड़े ,सर पे छत
बहोत अच्छे है ये सपने मगर सच्चे नहीं होते।"

Monday 3 December 2012

मंजिल


"जीते जी किसको भला मिलती है मंजिल प्यार की 
रह गयी इस दिल मे हसरत आपके दीदार की"


"आपसे होकर जुदा मै जीते जी मर जाऊँगा 
क्या ज़रुरत है भला अब खंजरो तलवार की" 

"शौक से कीजियेगा तरके दोस्ती मुझसे मगर 
याद आएगी किसी दिन आपको इस यार की"


बचपना



बचपना जब भी घर बनता है 
एक दीवार भूल जाता है 

मुन्तजिर आँख जैसे जानती है 
कौन अब दरवाज़ा खट खटाता है 

ज़िन्दगी हो चुकी है रक्कासा 
बस अमीरों से इसका नाता है 

हाल दिल का है उस मुसाफिर सा 
जो सराए  में लुट के आता है 

Sunday 2 December 2012

वादा



तेरा वादा कोई वफ़ा न हुआ 
फिर भी दिल तुझसे कज़ अदा न हुआ 

कितने गम दिल से हो गए रुख्सत 
दर्द दिल से मगर जुदा न हुआ 

उसको हर जाविए से देखा है 
वो कभी माइले वफ़ा न हुआ।