Saturday 29 June 2013

ग़म



"वो कौन है दुनिया में जिसे ग़म नहीं होता ,
किस घर में ख़ुशी होती है मातम नहीं होता"

"ऐसे भी है दुनिया में जिन्हें ग़म नहीं होता 

एक हम है हमारा ग़म कभी कम नहीं होता" 








Sunday 23 June 2013

मिस्मार


(इन द मेमोरी ऑफ़ केदारनाथ ट्रेजेडी इन उतराखंड )

"करे दरिया न पुल मिस्मार मेरे 
अभी कुछ लोग है उस पार मेरे"


"बहुत दिन गुज़रे अब देख आऊं घर को

  कहेंगे क्या दर ओ दीवार मेरे "



"वहीँ सूरज की निगाहें थी जियादा 

   जहाँ थे पेड़ सायादार मेरे"  

"वही ये शहर है तो शहर वालो 
   कहाँ है कुच ओ बाज़ार मेरे"  




Wednesday 19 June 2013

गिला


"दर्द जब तेरा दिया है तो गिला किससे करे 
हिज्र जब तूने दिया है तो गिला किससे करे" 

"अक्स बिखरा है तेरा टूट के आईने में 
हो गयी नम नज़र अक्स लिया किससे करे" 

"मै सफ़र में हूँ मेरे साथ जुदाई तेरी 
हम सफ़र ग़म है तो फिर तेरा पता किससे करे"  

"खिल उठे गुल या खिले दस्ते हिनाई तेरे 
हर तरफ तू है तो फिर तेरा पता किससे करे" 

"तेरे लब, तेरी निगाहें, तेरे आरिज़, तेरे ज़ुल्फ़
इतने जिंदा है है तो इस दिल को रिहा किससे करे" 


dard jab teri ata hai to gila kis se karen 
hijr jab tune diyaa hai to gila kis se karen 

[ata=gift; gila=complaint; hijr=separation] 

aqs bikharaa hai teraa toot ke aaine me
ho gayi nam nazar aqs liya kis se kare 

[aqs=image; nam=wet] 


mai safar me hoon mere saath judai teri
ham-safar Gham hai to phir tera pata kis se kare 
 

khil uthe gul ya khile dast-e-hinaee tere 
har taraf tu hai to phir tera pata kis se kare 

[dast-e-hinaee=Mehandi covered hands] 

tere lab, teri nigaahe tere aariz teri zulf 
itne zindaa hai to is dil ko riha kis ke karen 

[aariz=cheek; zindaa=prison; riha=to free] 
 





Tuesday 18 June 2013

क़यामत


"तुम चुप रहे पयामे मोहब्बत यही तो है 
आँखें झुकी नज़र की क़यामत यही तो है "

"महफ़िल में लोग चौक पड़े मेरे नाम पर 
तुम मुस्कुरा दिए मेरी कीमत यही तो है"

"तुम पूछते हो तुमने शिकायत भी की कभी 
सच पूछिए तो मुझको शिकायत यही तो है"  









Monday 17 June 2013

शाम


"मैंने देखा दीवानों को शाम के बाद 
ढूँढ रहे थे वीरानो को शाम के बाद "

"तारीखी फिर सारे ऐब छुपा लेगी 
ले आना घर मेहमानों को शाम के बाद" 

"मैंने उसका सोग मनाया कुछ इस ऐसा                                                  खाली रखा पैमानों को शाम के बाद" 
               
"याद करे जब मुझको तेरी तन्हाई 
देखा करना गुलदानो को शाम के बाद" 











Thursday 13 June 2013

समुन्दर


"अपनी आँखों के समुन्दर में उतर जाने दे 
तेरा मुजरिम हूँ मुझे डूब के मर जाने दे" 

"ऐ नए दोस्त मैं समझूँगा तुम्हे भी अपना 
पहले माजी का कोई ज़ख्म तो भर जाने दे" 

"आग दुनिया की लगी हुई बुझ जाएगी 
कोई आंसू मेरे दामन पे बिखर जाने दे" 

"ज़ख्म कितने तेरी चाहत से मिले है मुझको 
सोचता हूँ कहूँ तुझसे मगर जाने दे"

apani aankhon ke samundar me utar jaane de
teraa mujarim hoon mujhe Doob ke mar jaane de 

ai naye dost mai samajhunga tujhe bhi apna
pahale maazii
(PAST) ka koi zakhm to bhar jane de 

aag duniyaa ki lagai hui bujh jayegi
koi aansoo mere daman pe bikhar jane de


zakhm kitne teri chaahat se mile hai mujhko
sochata hoon ki kahun tujhse magar jaane de 






Sunday 9 June 2013

मौजिज़ा


"है इख्तियार में तेरे तो मौजिज़ा कर दे 
वो शख्स मेरा नहीं है उसे मेरा कर दे "

"मैं उसके जौर को देखूं वो मेरा सब्रो सुकून
  मुझे चराग बना दे उसे हवा कर दे" 

"अकेली शाम बहोत जी उदास करती है 
किसी को भेज कोई मेरा हमनवा कर दे" 

"ये रेत जार कहीं ख़त्म ही नहीं होता 
ज़रा सी दूर तो रस्ता हरा भरा कर दे" 










Thursday 6 June 2013

तन्हाई


"टूटे हुए दिलों की दुआ मेरे साथ है 
दुनिया तेरी तरफ  है खुदा मेरे साथ है"

"आवाज़ घुन्घरुवों की नहीं है तो क्या हुआ 
सागर के टूटने की सदा मेरे साथ है" 

"तन्हाई किसको कहते है मुझको पता नहीं 
क्या जाने किस हसीं की दुआ मेरे साथ है "

"पैमाना सामने है तो कुछ ग़म नहीं निजाम 
अब दर्दे दिल की कोई दवा मेरे साथ है"