Ghazal
SHAM-E-GHAZAL
Saturday, 9 March 2019
Ghazal: औरत
Ghazal: औरत
: "तेरे आने की जब खबर महके तेरे खुशबू से सारा घर महके " "शाम महके तेरे तसव्वुर से ...
औरत
"तेरे आने की जब खबर महके
तेरे खुशबू से सारा घर महके "
"शाम महके तेरे तसव्वुर से
शाम के बाद फिर शहर महके "
"रात भर सोचता रहा तुझ को
ज़हनोदिल मेरा ,रात भर महके"
"वो घडी दो घडी जहाँ बैठे
वो ज़मी महके वो शजर महके"
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appy women's Day
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