Ghazal
SHAM-E-GHAZAL
Friday, 31 August 2012
वफ़ा
"लोग क्या क्या कहा नहीं करते,
हम मगर दिल बुरा नहीं करते "
"हुस्न वालो से क्या गिला करना ,
हुस्न वाले वफ़ा नहीं करते"
"वो मुखातिब ज़रूर होते है ,
आमना सामना नहीं करते "
"कोई उनका भला भी करता है,
जो किसी का बुरा नहीं करते"।
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