Ghazal
SHAM-E-GHAZAL
Saturday, 22 September 2012
बेक़रारी
"भूक अफ्लास बेक़रारी है,
ज़िन्दगी एक अजब बीमारी है"
"ये सदी तशनालब लगे है मुझे,
इस लिए कुश्तो खून जारी है"
मौत ही है हयात की मंज़िल,
मौत की सबसे रिश्तेदारी जारी है"
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