" तेरे ख़त का जवाब लिखा है,
बे अदब को जनाब लिखा है"
"मेरे मौला तेरे खजाने में,
कुछ तो अपना हिसाब रक्खा है"
"बे अमल हो गया हूँ मै शायद,
अब मुसलसल अज़ाब लिखा है"
"ज़िन्दगी दी हिसाब से उसने,
और ग़म बे हिसाब लिखा है"
"ली है दुनिया से दुश्मनी हमने,
आपको लाजवाब लिक्खा है"
"नींद रूठी है इसलिए एजाज़,
ख्व़ाब को हमने जवाब लिखा है"।
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