Ghazal
SHAM-E-GHAZAL
Sunday, 2 December 2012
वादा
तेरा वादा कोई वफ़ा न हुआ
फिर भी दिल तुझसे कज़ अदा न हुआ
कितने गम दिल से हो गए रुख्सत
दर्द दिल से मगर जुदा न हुआ
उसको हर जाविए से देखा है
वो कभी माइले वफ़ा न हुआ।
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