Ghazal
SHAM-E-GHAZAL
Monday, 18 February 2013
चैन
"मेरे बगैर तुझे चैन आ नहीं सकता
मेरा जवाब कहीं से तू ला नहीं सकता"
"हज़ार परदे भी डालो अगर बनावट के
दिल की बात को चेहरा छुपा नहीं सकता"
"बना दिया है ज़माने ने दिल को पत्थर का
सताए कोई भी मुझको रुला नहीं सकता।"
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