"यूँ न मिल मुझ से खफा हो जैसे
साथ चल मौजे सबा हो जैसे"
"लोग मुझे देख कर हस देते है
तू मुझे भूल गया हो जैसे"
"इश्क को शिर्क की हद तक न बड़ा
यूँ न मिल हमसे खुदा हो जैसे"
"मौत भी आई तो इस नाज़ के साथ
मुझपे एहसान किया हो जैसे"
"ऐसे अनजान बने बैठे हो
तुम को कुछ भी न पता हो जैसे"
"हिचकियाँ रात को आती ही रहीं
तूने फिर याद किया हो जैसे"
साथ चल मौजे सबा हो जैसे"
"लोग मुझे देख कर हस देते है
तू मुझे भूल गया हो जैसे"
"इश्क को शिर्क की हद तक न बड़ा
यूँ न मिल हमसे खुदा हो जैसे"
"मौत भी आई तो इस नाज़ के साथ
मुझपे एहसान किया हो जैसे"
"ऐसे अनजान बने बैठे हो
तुम को कुछ भी न पता हो जैसे"
"हिचकियाँ रात को आती ही रहीं
तूने फिर याद किया हो जैसे"
yu na mil mujh se khafaa ho jaise
saath chal mauj-e-sabaa ho jaise
saath chal mauj-e-sabaa ho jaise
log yu dekh kar hans dete hai.
tuu mujhe bhuul gayaa ho jaise
tuu mujhe bhuul gayaa ho jaise
ishq ko shirk ki had tak na badaa
yu na mil hamase khudaa ho jaise
yu na mil hamase khudaa ho jaise
maut bhii aaee to is naaz ke saath
mujh pe ehasaan kiyaa ho jaise
mujh pe ehasaan kiyaa ho jaise
aise anjaan bane baithe ho
tum ko kuchh bhi na pataa ho jaise
hichakiya raat ko aatii hi rahi
tuu ne phir yaad kiyaa ho jaise
tuu ne phir yaad kiyaa ho jaise
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