Saturday, 26 October 2013

गुलशन

"हाथ सीने पे जो रख दो तो करार आ जाए 
 दिल के उजड़े हुए गुलशन में बहार आ जाए" 

"दिल तो  कहता है कि आँखों में छुपा लूं तुझ को 
  डर यही है कि मुक़द्दर को करार आ जाए" 

"दिल के ज़ख्मों  पे मेरे  प्यार का  मरहम रख दो 
  बेक़रारी में मुझे कुछ तो करार आ जाए" 

"यूँ खुदा के लिए छीनो न मेरे होशो हवास
 ऐसी नज़रों से  न देखो कि खुमार आ जाए"
  
haath seene pe jo rakh do to qarar aa jaaye  
dil ke ujade hue gulashan me bahaar aa jaaye  

dil to kahataa hai ki aakhon me chhupaa loon tujh ko  
Dar yahi hai ki muqaddar ko karar aa jaaye  

dil ke zakhmo pe mere pyaar ka maraham rakh do 
beqarari me mujhe kuchh to qaraar aa jaaye 

yoon khuda ke liye chheeno na mere hosh-o-havas 
aesi nazaro se na dekho ki khumaar aa jaaye 












Wednesday, 16 October 2013

नज़र



"तुम को  हम दिल में बसा लेंगे तुम आओ तो सही 
सारी  दुनिया से  चुरा लूँगा तुम आओ तो सही " 

"यूं तो जिस सिम्त नज़र उठी है तारीखी है
   प्यार के दीप जला  लेंगे तुम आओ तो सही"

"दिल  की वीरानी  से घबराके न मुह को मोडो
बज़्म ये फिर से सजा लेंगे तुम आओ तो सही" 


"एक वादा करो अब हम से न बिछडोगी कभी 
नाज़ हम सारे उठाएँगे  तुम आओ तो सही" 


tum ko ham dil me basalenge tum aao to sahi 
saari duniya se chhupa lenge tum aao to sahi 


yoon to jis simt nazar uthati hai taareekhi hai 
pyaar ke deep jala lenge tum aao to sahi 

 
dil ki veeraani se ghabarake na munh ko modo 
bazm ye phir se saja lenge tum aao to sahi.

 ek vada karo ab ham se na bhichhroge kabhi 
 naaz ham saare uthalenge tum aao to sahi 












Wednesday, 2 October 2013

खामोश


"कभी खामोश बैठोगी कभी कुछ गुनगुनाओगी 
 मै उतना याद आऊंगा मुझे जितना भुलाओगी "

"कोई जब पूछ बैठेगा ख़ामोशी का सबब तुमसे 
 बहोत समझाना चाहोगी मगर समझा न पाओगी "

"कही पर भी रहे हम तो मोहब्बत फिर मोहब्बत है
 तुम्हे हम याद आएँगे  हमें तुम याद आओगी "