Monday, 13 January 2014

क़यामत


"वो बुलाए तो क्या क़यामत हो"
 हम न जाए तो क्या क़यामत हो"


"वो किनारो से खेलने वाले 
डूब जाए तो क्या क़यामत हो"


"बंदा परवर जो हम पे गुज़री है
हम बताए तो क्या क़यामत हो"


"आज हम भी तेरी वफाओं पर 
मुस्कुराएं तो क्या क़यामत हो"


"तेरी सूरत जो इत्तेफ़ाक़ से हम 
भूल जाएं तो क्या क़यामत हो" 
   














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