आप की याद
"आप की याद आती रही रात भर ,
चश्मे नम मुस्कुराती रही रात भर "
"रात भर दर्द की शमा जलती रही,
ग़म की लौ थरथराती रही रात भर"
"बाँसुरी की सुरीली सुहानी सदा,
याद बन बन कर आती रही रात भर "
"याद के चाँद दिल में उतरते रहे,
चांदनी जगमगाती रही रात भर"
"कोई दीवाना गलियों में फिरता रहा,
कोई आवाज़ आती रही रात भर"
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