Sunday, 31 January 2016

पयाम ए मोहब्बत


"तुम चुप रहे पयाम ए मोहब्बत यही तो है 
आँखें झुकी रहीं क़यामत यही तो है "

"महफ़िल में लोग चौक पड़े मेरे नाम पर 
तुम मुस्कुरा दिए मेरी कीमत यही तो है "

"तुम पूछते हो तुमने शिकायत भी की कभी 
सच पूछिए तो मुझको शिकायत यही तो है "















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