Ghazal
SHAM-E-GHAZAL
Sunday, 15 January 2017
महक
"तेरे आने की जब खबर महके
तेरे खुशबू से सारा घर महके "
"शाम महके तेरे तसव्वुर से
शाम के बाद फिर शहर महके "
"रात भर सोचता रहा तुझ को
ज़हनोदिल मेरा रात भर महके"
"वो घडी दो घडी जहाँ बैठे
वो ज़मी महके वो शजर महके"
HAPPY NEW YEAR TO YOU ALL
Newer Posts
Older Posts
Home
Subscribe to:
Posts (Atom)