Ghazal
SHAM-E-GHAZAL
Thursday, 23 August 2012
बेवफ़ा
"उसे समझने को कोई तो रास्ता निकले '
मै चाहता भी यही था वह बेवफ़ा निकले ''
" छोड़ कर चल दिए मेरे अपने मुझको
कैसे अब मेरी दुश्वरिओं का हल निकले"
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