Ghazal
SHAM-E-GHAZAL
Saturday, 25 August 2012
शिकायत
"अब इससे कब्ल की दुनिया से मै गुज़र जाऊं !
मैं सोचता हूँ कि कोई नेक काम कर जाऊं"
"अब अगर टूट गया मै तो शिकायत कैसी
मै न कहता था कि ऐसे न उछालो मुझको !"
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