Ghazal
SHAM-E-GHAZAL
Sunday, 26 August 2012
ममता की छाव
"
बाज़ार गर्म है अभी सपने खरीद लो,
तन्हाइयों का दौर है रिश्ते खरीद लो ,
सदफ गमों की धूप मिलेगी क़दम- क़दम
ममता की छाव वाले दुपट्टे खरीद लो ।"
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