Ghazal
SHAM-E-GHAZAL
Tuesday, 18 September 2012
सताना
"हर तरीके से सताना चाहे,
जाने क्या मुझसे ज़माना चाहे"
"किसने धोके से ये दिल तोड़ दिया,
कौन ये मुझको रुलाना चाहे"
"जाने क्या मुझसे गिला है उसको,
नाम तक लब पे न लाना चाहे"
"तुमने एजाज़ शजर काट दिए,
और पंछी वो ठिकाना चाहे"
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