Saturday, 8 September 2012



"चांदी  जैसा रंग है तेरा सोने जैसे बाल 
एक तुही धनवान है गोरी बाकि सब कंगाल"

"जिस रस्ते से तू गुज़रे वो फूलो से भर जाये,
तेरे पैर की कोमल आहट सोते भाग जगाये" 

"जो पत्थर छूले  गोरी वो हीरा बन जाये 
तू जिसको मिल जाये वो हो जाये मालामाल"

 एक तुही धनवान है गोरी बाकि सब कंगाल"
 चांदी  जैसा रंग है तेरा सोने जैसे बाल"

"जो बेरंग हो उसपे क्या क्या रंग जमाते लोग,
तू नादाँ न जाने कैसे रूप चुराते लोग"

"नज़रे भर भर देखे तुझको आते जाते लोग, 
छैल छबीली रानी थोडा घूँघट और निकाल"    

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