"ज़ुल्म सह कर भी हम मुस्कराते रहे, ठोकरें खा के सर को उठाते रहे" "कहकहे बज़्म में गूंजते थे मगर, हम यादों में माजी के खोए रहे" "अश्क आखों में थे दाग दामन पर था, हौसले फिर भी आगे बढ़ाते रहे" "काश किस्मत बदल जाये ये सोचकर, बारगाह में तेरी सर झुकाते रहे".
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