"हवाओं में जुल्फों को लहरा रहे है,
हसीं आज कितने नज़र आ रहे है"
"न जाने चले आए क्यों बन संवर के
चमन में फूल भी शर्मा रहे है"
"ये राजे मोहब्बत कहीं खुल न जाए,
मेरा नाम सुनके वो शर्मा रहे हैं"
"सबक प्यार का हमने जिनको पढ़ाया,
मोहब्बत वो गैरों से फरमा रहे हैं"
"दिये ज़ख्म ऐसे मुझे उसने सदफ,
की आखों से आसू बहे जा रहे है।"
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