Ghazal
SHAM-E-GHAZAL
Monday, 1 October 2012
तक़दीर
"मुश्किल नहीं है बिगड़ी तक़दीर बना लेना,
रंगों से अजायम की तस्वीर बना लेना"
इस दौर हलाकत में रहना है अगर जिंदा,
फौलादे शुजाअत की शमशीर बना लेना "
बन कर आये सदफ अब तो खलास का सूरज
नफरत के अंधेरों को तनवीर बना लेना "
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