Ghazal
SHAM-E-GHAZAL
Sunday, 28 October 2012
"अंगड़ाई"
"अंगड़ाई भी वो ले न सकी उठा के हाथ,
देखा जो मुझ को छो
ड दिया मुस्कुरा के हाथ"
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