Ghazal
SHAM-E-GHAZAL
Saturday, 8 December 2012
चाँद
"झील है ,दरिया है बादल है,समंदर कौन है
चाँद से पूछा गया उससे बेहतर कौन है"
"आज भी दिल में मेरे तस्वीर एक मौजूद है
झाँक के देखो की इस कमरे के अन्दर कौन है"
"खुशबुओं का कर रही है अब भी साँसे इंतज़ार
वोह जो आते ही बदल देता है मंज़र कौन है"
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