Tuesday, 18 December 2012

दुआ



"वो दिल ही क्या जो तेरे मिलने की दुआ ना करे

मैं तुझे भूल के जिंदा रहूँ खुदा  न करे"


"रहेगा साथ तेरा  प्यार ज़िन्दगी बनके

ये और बात मेरी ज़िन्दगी वफ़ा न करे"


"सुना है उसको मोहब्बत दुआएं देती है

जो दिल पे चोट तो खाए मगर गिला न करे"


"अगर वफ़ा पे भरोसा न रहे दुनिया को

तो कोई शख्स मोहब्बत का हौसला न करे"


"ज़माना देख चुका है परख चुका है इसे 

कतील जान से जाए पर इल्तेजा न करे।"











No comments:

Post a Comment