"मेरा दिल भी शौक़ से तोड़ो एक तजुर्बा और सही ,
लाख खिलोने तोड़ चुके हो एक खिलोना और सही"
"रात है ग़म की आज बुझा दो जलता हुआ हर एक चिराग़ ,
दिल में अँधेरा हो ही चुका है घर में अँधेरा और सही"
"दम है निकलता है एक आशिक का भी,दिल है आ कर देख तो लो ,
लाख तमाशे देखे होंगे एक नज़ारा और सही"
"खंजर लेकर सोचते क्या हो क़त्ल मुराद भी कर डालो ,
दाग हैं सॊ दामन पे तुम्हारे एक इज़ाफा और सही।"
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