Saturday, 12 January 2013

ख्वाब


"अपने ख्वाबों में तुझे जिस ने भी देखा होगा 
आँख खुलते ही तुझे ढूँढने निकला होगा "

"ज़िन्दगी सिर्फ तेरे नाम से मंसूब रहे
जाने कितने ही दिमागों ने ये सोचा होगा"

"दोस्त हम उस को पैगामे करम समझेंगे
तेरी फ़ुर्क़त का जो जलता हुआ लम्हा होगा"

"दामने जीस्त में अब कुछ भी नहीं है बाकी,
मौत आई तो यक़ीनन उसे धोखा होगा"











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