"दाग़ दुनिया ने दिये ज़ख्म ज़माने से मिले
हमको ये तोहफे तुम्हे दोस्त बनाने से मिले
"हम तरसते ही तरसते ही तरसते ही रहे
वो न जाने किस किस से कहाँ जाके मिले"
"खुद से मिल जाते तो चाहत का भरम रह जाता
क्या मिले आप जो लोगों के बुलाने से मिले"
"कैसे माने की उसे भूल गया है तू अबतक
उनके ख़त आज हमें तेरे सिरहाने से मिले"
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