Ghazal
SHAM-E-GHAZAL
Tuesday, 26 March 2013
बिखरना
"दर्द की हद से गुज़रना तो अभी बाक़ी है
टूट कर मेरा बिखरना तो अभी बाक़ी है"
"पास आकर मेरा दुःख दर्द बतानेवाले
मुझसे कतरा के गुजरना तो अभी बाक़ी है"
"चंद शेरो में कहाँ ढ़लती है एहसास की आग
ग़म का ये रंग निखरना तो अभी बाक़ी है"
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