Saturday, 9 March 2013

नगमा


"मुझे तुम नज़र से गिरा तो रहे हो 
मुझे तुम कभी भी भुला न सकोगे" 

"न जाने मुझे क्यों यकीं हो चला है 
मेरी याद को तुम मिटा न सकोगे"

"मेरी याद होगी जिधर जाओगे तुम 
कभी नगमा बनके कभी बन के आंसू" 

"तड़पता मुझे तुम हर तरफ पाओगे तुम 
शम्मा जो जलाई मेरी वफ़ा की " 

"भुलाना भी चाहो भुला न सकोगे 
कभी नाम बातों में आए जो मेरा"

"तो बेचैन हो के दिल थाम लोगे 
निगाहों में छाएगा ग़म का अँधेरा" 

"किसी ने जो पूछा सबब आसुओं का 
बताना भी चाहो बता न सकोगी"












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