खिलौना
"मेरा दिल भी शौक़ से तोड़ो एक तजुर्बा और सही
लाख खिलौने तोड़ चुके हो एक खिलौना और सही"
"रात है ग़म की आज बुझा दो जलता हुआ हर एक चिराग
दिल में अँधेरा हो ही चुका है घर में अँधेरा और सही"
"दम है निकलता एक आशिक का भीड़ है आकर देख तो लो
लाख तमाशे देखे होंगे एक तमाशा और सही"
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