Saturday, 13 April 2013

फ़रियाद


"तड़पते है न रोते है न फ़रियाद करते है 
 सनम की याद में हरदम खुदा को याद करते है"

"उन्ही के इश्क में हम रात दिन फ़रियाद करते हैं 
  इलाही देखिये किस दिन हमें वो याद करते है"

"शबे फ़ुर्क़त में क्या क्या सांप लहराते है सीने पर  
 तुम्हारी लहराती हुई जुल्फों को जब हम याद करते है" 


tadapte hai na rote hai na ham fariyad karate hai 
sanam ki yaad me har-dam Khuda ko yaad karate hai 

unhi ke ishq me ham raat din fariyad karate hai 
ilaahi dekhiye kis din hame vo yaad karate hai 
 

shab-e-furqat me kyaa kyaa saanp laharate hai seene par 
tumhari lahraati hui zulfo ko jab ham yaad karate hai 

[shab-e-furqat = night of separation] 














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