Sunday, 1 December 2013

बिजलियाँ


"तुम्हे है शौक अगर बिजलियाँ गिराने का 
   हमारा  काम भी है आशियाँ बनाने का"

"भला वो कैसे समंदर के पार उतरेगा 
   कदम कदम जिन्हें डर है डूब जाने का" 

"सुना है आप है माहिर हवा चलाने में
मगर हमें भी शौक है दिया जलाने का"    








2 comments:

  1. "भला वो कैसे समंदर के पार उतरेगा
    कदम कदम जिन्हें डर है डूब जाने का"
    बहुत लाजवाब शेर है इस गज़ल का ... उम्दा गज़ल ...

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