Ghazal
SHAM-E-GHAZAL
Saturday, 14 December 2013
शमा
"शमा जलाए रखना जब तक कि मैं न आऊँ
खुद को बचाए रखना जब तक कि मै न आऊँ"
"ये वक्ते इम्तेहान है सबरो करार दिल का
आँसू छुपाए रखना जब तक कि मै न आऊं"
"हम तुम्हे मिलेंगे ऐसे जैसे जुदा नहीं थे
सांसे बचाए रखना जब तक कि मैं न आऊँ"
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