"रातों में गर न अश्क बहाऊँ तो क्या करूँ
एक पल भी उसको न भुला पाऊँ तो क्या करूँ"
"मैंने सुना है उनको अंधरे नहीं पसंद
राहों में अब मैं दिल न जलाऊं तो क्या करूँ"
"तुम्ही कहो कि छोड़ दे जब ज़िन्दगी भी साथ
फिर मौत को गले न लगाऊं तो क्या करूँ"
"सोचा तो था कि छोड़ दूं उसकी गली अभी
लेकिन कहीं क़रार न पाऊँ तो क्या करूँ"
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