Wednesday, 27 February 2013

दुआ


                     "सुनते है मिल जाती है हर चीज़ दुआ से 
                      एक रोज़ तुम्हे मांग के देखेंगे खुदा से"

                    " ऐ दिल तू उन्हें देख के कुछ ऐसे तड़पना 
                    आ जाए हसी उनको जो बैठे है खफा से" 

                  " दुनिया भी मिली है गमे दुनिया भी मिला है 
                   वो क्यूँ नहीं मिलता जिसे माँगा था खुदा से"

                  "आईने में वो अपनी अदा देख रहे है
                  मर जाए कि जी जाए कोई उनकी बला से"
                   


              
      "sunate hai ki mil jaati hai har chiez dua se
  
ek roz tumhe maang ke dekhenge Khuda se"  


     "ae dil tu unhe dekh kar kuchh aise tadapna 
  
     aa jaaye hasi un ko jo baithe hai Khafaa se"

    "duniyaa bhi mili hai Gam-e-duniya bhi mila hai 

    vo kyun nahi milataa jise maangaa tha Khuda se" 
"aaiine me vo apani ada dekh rahe hain
 
     mar jaaye ki ji jaaye koi unaki bala se" 
  

                         






Monday, 25 February 2013

निगाहों


"हमको दुश्मन की निगाहों से न देखा कीजे  
प्यार ही प्यार है हम,हम पे भरोसा कीजे"  

"चन्द यादों के सिवा हाथ न कुछ आएगा 
इस तरह उम्रे गुरेज़ाँ का न पीछा कीजे "

"रौशनी दूसरे के आँगन में गवारा न सही 
कम से कम अपने घर में तो उजाला कीजे"

 "क्या खबर कब वो चले आएँगे मिलने के लिए 
 रोज़ पलकों पे नई शम्मे जलाया कीजे"  


"ham ko dushman ki nigaaho se na dekha kije 

pyaar hii pyaar hai ham, ham pe bharosa kije" 

"chand yaado ke siva haath na kuchh aayegaa
 
is tarah umr-e-gurezaa ka na piichha kije"

"roshnii auro ke aangan me gavaaraa na sahi
 
kam se kam apane hi ghar me to ujaala kije" 

"kya Khabar kab vo chale aayenge milane ke liye
 
roz palako pe naee shamae jalaaya kije" 
















Saturday, 23 February 2013

खफा

"यूँ न मिल मुझ से खफा हो जैसे 
साथ चल मौजे सबा हो जैसे"

"लोग मुझे देख कर हस देते है 
तू मुझे भूल गया हो जैसे"

"इश्क को शिर्क की हद तक न बड़ा 
यूँ न मिल हमसे खुदा हो जैसे"

"मौत भी आई तो इस नाज़ के साथ
मुझपे एहसान किया हो जैसे"

"ऐसे अनजान बने बैठे हो 
तुम को कुछ भी न पता हो जैसे"

"हिचकियाँ रात को आती ही रहीं 
तूने फिर याद किया हो जैसे"   

yu na mil mujh se khafaa ho jaise
saath chal mauj-e-sabaa ho jaise 

log yu dekh kar hans dete hai.
tuu mujhe bhuul gayaa ho jaise 

ishq ko shirk ki had tak na badaa
yu na mil hamase khudaa ho jaise 

maut bhii aaee to is naaz ke saath
mujh pe ehasaan kiyaa ho jaise 

aise anjaan bane baithe ho 
              tum ko kuchh bhi na pataa ho jaise 

hichakiya raat ko aatii hi rahi
tuu ne phir yaad kiyaa ho jaise 











हुस्न

                       "रफ्ता रफ्ता वो मेरी हस्ती का सामा हो गए 
                       पहले जां फिर जाने जाँ  फिर जानेजाना हो गए" 

                      "दिन बदिन बड़ने लगी उस हुस्न की रानाइयां 
                      पहलेगुल फिर गुल बदन फिर गुल बदामा हो गए" 

                     "आप तो नज़दीक से नज़दीकतर आते गए
                     पहले दिल फिर दिलरुबा फिर दिल के मेहमा हो गए"   

                                                                                                             ----तस्लीम फाजली 

                               








Thursday, 21 February 2013

गमे दिल


"दास्ताने गमे दिल उनको सुनाई न गयी 
बात बिगड़ी थी कुछ ऐसी की बनाई न गयी" 

"सब को हम भूल गए जोश ओ जुनू में लेकिन 
एक तेरी याद थी ऐसी की भुलाई न गयी" 

"इश्क पर कुछ न चला दीदएतर का जादू 
उसने जो आग लगा दी वो बुझाए न गयी" 

"क्यों उठाएगी सबा ख़ाक मेरी उस दर से 
ये क़यामत तो खुद उन से भी उठाई न गयी"


daastaan-e-gham-e-dil unako sunaee na gaee
baat bigadee thi kuchh aisii ki banaaee na gaee 

sab ko ham bhuul gae josh-e-junoo.me lekin
ek terii yaad thii aisii ki bhulaee na gaee

ishq par kuchh na chalaa diida-e-tar kaa jaaduu
usane jo aag lagaa dii vo bujhaee na gaee
kyaa uthaayegii saba khaak merii us dar se
ye qayaamat to khud un se bhi uthaee na gaee.












Monday, 18 February 2013

चैन


                     "मेरे बगैर तुझे चैन आ नहीं सकता 
                      मेरा जवाब  कहीं से तू ला नहीं सकता"

                     "हज़ार परदे भी डालो अगर बनावट के 
                     दिल की बात को चेहरा छुपा नहीं सकता"

                     "बना दिया है ज़माने ने दिल को पत्थर का 
                      सताए कोई भी मुझको रुला नहीं सकता।"    

                     






Sunday, 17 February 2013

मोहब्बत


"इक लफ्ज़ मोहब्बत का अदना सा फ़साना है
सिमटे तो दिले आशिक फैले तो ज़माना है"

"ये किस का तसव्वुर है ये किस का फ़साना है 
जो अश्क है आखों में तस्वीह का दाना है"

"हम इश्क में मारों का बस इतना फ़साना है 
रोने को नहीं कोई हसने को ज़माना है" 

"क्या हुस्न ने समझा है क्या इश्क ने जाना है 
हम खाक नशीनो की ठोकर में ज़माना है" 

"या वो थे खफा हमसे या हम थे खफा उनसे 
कल उनका ज़माना था आज अपना ज़माना है"


ik lafz-e-mohabbat ka adana sa fasaana hai

"ik lafz-e-mohabbat ka adana sa fasaana hai 

simate to dil-e-aashiq phaile to zamaana hai" 

"ye kis kaa tasavvur hai ye kis kaa fasaana hai
 
jo ashk hai aankhon me tasbiih ka daana hai" 

"ham ishq ke maaron ka itana hi fasana hai 

rone ko nahi koi hansane ko zamaana hai" 


"kyaa husn ne samajha hai kya ishq ne jaana hai
 
ham Khaak-nashiino kii thokar me zamaana hai" 


"yaa vo the Khafaa ham se yaa ham the Khafaa un se
 
kal un kaa zamaana tha aaj apana zamaana hai" 











Friday, 15 February 2013

जुल्फों


''रंगत तेरी जुल्फों की घटाओं ने चुराई 
खुशबू तेरे आँचल से हवाओं ने उड़ाई "

"पैमाने का दिल टूट न जाये तो कहूं मै 
है चीज़ ग़ज़ब की जो निगाहों ने पिलाई"

"माना कि बहारों ने खिलाया है गुलों को 
उल्फत की कली दिल में वफाओं ने खिलाई" 

"थमथम के बरसना कभी झम झम के बरसना 
सावन को ये अदा मेरे अश्को ने सिखाई"  


"Rangat teri zulfo ki  ghataao ne churaai

Khushbu tere aanchal se havaao ne udai "

"paimaane ka dil toot na jaaye to kahun mai.

hai cheez gazab ki jo nigaaho ne pilaai" 


"maanaa ki bahaaro ne khilaayaa hai gulon ko

ulfat ki kali dil me vafaao ne khilaee"

"tham-tham ke barasana kabhi jham-jham ke barasana 

saavan ko adaa ye mere ashko ne sikhaee"










Monday, 11 February 2013

ज़ख्म


                     "दाग़ दुनिया ने दिये ज़ख्म ज़माने से मिले
                      हमको ये तोहफे तुम्हे दोस्त बनाने से मिले 

                      "हम तरसते ही तरसते ही तरसते ही रहे 
                      वो न जाने किस किस से कहाँ जाके मिले"

                     "खुद से मिल जाते तो चाहत का भरम रह जाता
                     क्या मिले आप जो लोगों के बुलाने से मिले"

                     "कैसे माने की उसे भूल गया है तू अबतक 
                     उनके ख़त आज हमें तेरे सिरहाने से मिले"       

                          









Sunday, 10 February 2013

ख़त


"तेरे खुशबू में बसे ख़त मैं जलाता कैसे

प्यार में डूबे हुए ख़त मै जलाता कैसे"

"तेरे हांथों के लिखे ख़त मैं जलाता कैसे,

तेरे खत को आज भी सीने से लगा रखा है

मौत आ जाए अब जीने में क्या रखा है" 


"Tere khushboo mein base Khat main jalaataa kaise

pyaar mein doobe hue Khat main jalaataa kaise"

tere haathon ke likhe Khat main jalaataa kaise,

"tere khat ko aaj bhi seene se laga rakha hai


maut aa jaae ab jeene mein kya rakha ha
i."












Thursday, 7 February 2013

सफ़र


कुछ अनजाना होने का 
डर क्यों था 
सफ़र में ये ज़द सफ़र 
जाने क्यूँ था 

जो बर सफ़र हैं 
वही हमसफ़र हैं
तेरा साथ ही मुख़्तसर 
जाने क्यूँ था 

जो मेरे लिए 
सिर्फ मेरे लिए था 
उसी से बिछड़ने का
डर जाने क्यूँ था 

-- वसीम बरेलवी

kuchh anjana hone ka 
dar jane kyun tha
safar mein ye zad safar 
jane kyun tha 

jo bar safar hain 
wahi humsafar hain
tera sath hi mukhtasar 
jane kyun tha

jo mere liye 
sirf mere liye tha
usi se bichhadne ka
dar jaane kyun tha


-- Waseem Barelvi














Saturday, 2 February 2013

दुआ


"इतना टूटा हूँ की छूने से बिखर जाएगा 
अब अगर और दुआ दोगे तो मर जाऊँगा"

"लेकर मेरा पता वक़्त राएगा(waste) न करो 
 मै तो बंजारा हूँ न जाने किधर जाऊंगा" 

"ज़िन्दगी में भी मुसाफिर हूँ तेरी कश्ती का 
तू जहाँ मुझ से कहेगी उतर जाऊँगा"

"यहाँ रह जाएगी गुलादानो में यादों की नज़र
मै तो खुशबूं हूँ फिजाओं में बिखर जाऊंगा"