Wednesday, 24 April 2013

आओ तो सही


"तुम को हम दिल में बसा लेंगे तुम आओ तो सही
  सारी  दुनिया से छुपा लेंगे तुम आओ तो सही"   


"इक वादा करो हमसे न बिछड़ोगे कभी 

  नाज़ हम सारे उठाएंगे तुम आओ तो सही"

"बेवफा भी हो सितमगर भी जफ़ा पेशा भी 

  हम खुदा तुम को बना लेंगे तुम आओ तो सही"

"दिल की वीरानगी से घबराके न मुह मोड़ो 

  बज़्म ये फिर से सजा लेंगे तुम आओ तो सही"
   







Saturday, 20 April 2013

जलवा


"तेरा जलवा निहायत दिल नशी है 
मोहब्बत लेकिन इससे भी हसीं है 

"सुना है यूँ भी अक्सर ज़िक्र उनका

कि जैसे कुछ तआल्लुक ही नहीं है" 

"मै राहे इश्क का तनहा मुसाफिर

किसे आवाज़ दूं यहाँ कोई नहीं है"   






Thursday, 18 April 2013

अफसाना

                                                                                         
"रेत  पर लिख के मेरा नाम मिटाया न करो 
आँखे सच बोलती है प्यार छुपाया न करो"

"लोग हर बात का अफसाना बना लेते है 
   सब को हालात की रुदाद सुनाया न करो" 

"ये ज़रूरी नहीं हर शख्स मसीहा ही हो 
            प्यार का ज़ख्म अमानत है दिखाया न करो" 














                    











           



Wednesday, 17 April 2013

देर


"आग हो तो जलने में देर कितनी लगती है 
 बर्फ के पिघलने में देर कितनी लगती है"

"चाहे कोई जैसा भी हमसफ़र हो सदियों से 
रास्ता बदलने में देर कितनी लगती है"

"ये तो खुदा के बस में है कि कितनी मोहलत दे 
वर्ना साँसों को रोकने में उसे देर कितनी लगती है" 













Saturday, 13 April 2013

फ़रियाद


"तड़पते है न रोते है न फ़रियाद करते है 
 सनम की याद में हरदम खुदा को याद करते है"

"उन्ही के इश्क में हम रात दिन फ़रियाद करते हैं 
  इलाही देखिये किस दिन हमें वो याद करते है"

"शबे फ़ुर्क़त में क्या क्या सांप लहराते है सीने पर  
 तुम्हारी लहराती हुई जुल्फों को जब हम याद करते है" 


tadapte hai na rote hai na ham fariyad karate hai 
sanam ki yaad me har-dam Khuda ko yaad karate hai 

unhi ke ishq me ham raat din fariyad karate hai 
ilaahi dekhiye kis din hame vo yaad karate hai 
 

shab-e-furqat me kyaa kyaa saanp laharate hai seene par 
tumhari lahraati hui zulfo ko jab ham yaad karate hai 

[shab-e-furqat = night of separation] 














Tuesday, 9 April 2013

खामोश


"कभी खामोश  बैठोगी कभी कुछ गुन गुनाओगी 
मैं उतना याद आऊँगा मुझे जितना भुलाओ गी"

"कोई जब पूंछ बैठेगा ख़ामोशी का सबब तुम से
बहोत समझाना चाहोगी मगर समझा न पाओगी" 

"कभी दुनिया मुकम्मल बन के आएगी निगाहों में 
कभी मेरी कभी दुनिया की हर एक बात बताओगी" 

"कही पर भी रहे हम तो मोहब्बत फिर मोहब्बत है 
हमें तुम याद आओगी तुम्हे हम याद आएँगे "

"kabhi khaamosh baithogi kabhi kuchh gungunaaogi 
mai utana yaad aaoonga mujhe jitana bhulaogi"

"koi jab poonchh baithegaa Khaamoshi ka sabab tum se 
bahut samajhaana chaahogi magar samajha na paaogi" 

"kabhii duniyaa muqammal ban ke aayegi nigaahon me 
kabhii meri kabhi duniya ki har ek baat bataaogi" 

"kahi par bhi rahe ham to muhabbat phir muhabbat hai 
tumhe ham yaad aayenge hame tum yaad aaogi". 

   



   





Monday, 8 April 2013

सामना


"आज फिर उनका सामना होगा 
क्या पता उसके बाद क्या होगा 

"आसमान रो रहा है दो दिन से 
आपने कुछ कहा सुना होगा" 

"दो क़दम पर सही तेरा कूचा 
ये भी सदियों का फासला होगा" 

"घर जलाता है रौशनी के लिए 
कोई मुझसा भी दिल जला होगा"



Saturday, 6 April 2013

इंतज़ार



"अबकी बरस भी वो नहीं आया बहार में,
 गुज़रेगा और एक बरस इंतज़ार में" .

"ये आग इश्क की है बुझाने से क्या बुझे,
दिल तेरे बस में है न मेरे इख्तियार में" 

"है टूटे दिल में तेरी मुहब्बत तेरा ख़याल 
खुश रंग है बहार जो गुजारी बहार में"

"आँसू  नही है आँखों में लेकिन तेरे बगैर,
वो कांपते हुए हैं दिले बेकरार में "


"ab ki baras bhii vo nahi aayaa bahaar me 
guzarega aur ek baras intazaar me"

"ye aag ishq ki hai bujhaane se kyaa bujhe 
dil tere bas me hai na mere ikhtiyaar me" 

"hai toote dil me teri mohabbat teraa Khayaal 
Khush-rang hai bahaar jo guzari bahaar me" 

"aansu nahi hai aankho me lekin tere bagair 
vo kaanpate hue hai dil-e-beqaraar me" 













शराब


"मै नज़र से पी रहा हूँ ये समां बदल न जाए 
न झुकाओ तुम निगाहें कही रात ढल न जाए"

"मेरे अश्क भी है इसमें ये शराब उबल न जाए
मेरा जाम छूने वाले तेरा हाथ जल न जाए" 

"अभी रात कुछ है बाक़ी न उठाओ नकाब साकी
तेरा रिंद गिरते गिरते कही फिर संभल न जाए"

"मेरी ज़िन्दगी के मालिक मेरे दिल पे हाथ रखना 
तेरे आने की ख़ुशी में मेरा दम निकल न जाए" 

"मुझे फूकने से पहले मेरा दिल निकाल लेना 
ये किसी की है अमानत कही साथ जल न जाए"   

mai nazar se pi raha hoon ye sama badal na jaaye 
na jhukaao tum nigaahe kahin raat dhal na jaaye 

mere ashk bhi hai is me ye sharaab ubal na jaaye 
meraa jaam chhoone vale tera haath jal na jaaye 

abhi raat kuchh hai baaqi na utha naqaab saaqi 
tera rind girate girate kahi phir sambhal na jaaye 

meri zindagi ke maalik mere dil pe haath rakhana 
tere aane ki Khushi me mera dam nikal na jaaye 

mujhe phookane se pahale mera dil nikaal lena 
ye kisi ki hai amaanat kahi saath jal na jaaye 











Friday, 5 April 2013

उजाले


"कभी ख्वाबो में मिला वो तो ख्यालों में कभी 
राह चलते न मिला दिन के उजाले में कभी" 

"ज़िन्दगी हमसे तो इस दर्जा तगाफुल न बरत
हम भी शामिल थे कभी चाहने वालो में तेरे" 

"जिनका हम आज तलक पा न सके कोई जवाब 
खुद को ढूँढा किये उन तल्ख़ सवालों में कभी" 

"थोड़ी रुसवाई तुम्हारी भी तो होगी यारों
छप गए शेर हमारे जो रिसालों में कभी"   


"kabhi Khvaabo me mila vo to khayaalo me kabhi
raah chalate na mila din ke ujaale me kabhi "

"zindagi hamse to is darjaa tagaaful na barat 
ham bhi shamil the tere chahane valo me kabhi"
jinaka ham aaj talak pa na sake koi javaab
khud ko dhoondha kiye un talkh savaalo me kabhi

"thodi rusvaai tumhari bhi to hogi yaaro
chhap gae sher hamare jo
risaalo me kahi" 



tagaaful-ignore     rusvaai-defame    darjaa-somuch  risaalo-magzine





Wednesday, 3 April 2013

बेक़रारी



"तेरे जलवे अब मुझे हर सू नज़र आने लगे 
काश ये भी हो कि मुझ में तू नज़र आने लगे

"बेक़रारी बढते बढते दिल की फितरत बन गयी
शायद अब तस्कीन का पहलू नज़र आने लगे" 

"ख़त्म करदे ऐ सबा अब शामे ग़म की दास्ताँ 
देख अब उन आखों में भी आंसू नज़र आने लगे" 
  



"tere jalave ab mujhe har sOO nazar aane lage, 
    kaash ye bhi ho ke mujh me tOO nazar aane lage" 

      "beqarari badhate badhate dil ki fitarat ban gaee,
shaayad ab taskeen ka pahalu nazar aane lage"
 
         "Khatm karde ae 'Saba' ab shaam-e-Gham ki dastan
dekh un aakhon me bhi aansoo nazar aane lage" 











Monday, 1 April 2013

खिलौना


"मेरा दिल भी शौक़ से तोड़ो एक तजुर्बा और सही 
लाख खिलौने तोड़ चुके हो एक खिलौना और सही" 

"रात है ग़म की आज बुझा दो जलता हुआ हर एक चिराग 
दिल में अँधेरा हो ही चुका है घर में अँधेरा और सही"

"दम है निकलता एक आशिक का भीड़ है आकर देख तो लो 
लाख तमाशे देखे होंगे एक तमाशा और सही"
  









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