Saturday, 29 September 2012
Friday, 28 September 2012
"हौसला"
"हौसला दिल का बढ़ाते तो कोई बात भी थी,
ग़म को सीने से लगाते तो कोई बात भी थी"
"चाँद सूरज से कहाँ रौशनी होगी दिल में,
प्यार की शम्मा जलाते तो कोई बात भी थी"
"जज़्बए शौक मेरा और सिवा हो जाता,
तुम मेरे घर कभी आते तो कोई बात भी थी"
"नाम रह जाता तुम्हारा भी जहाँ में एजाज़,
काम कुछ कर के दिखाते तो कोई बात भी थी"
Wednesday, 26 September 2012
Tuesday, 25 September 2012
पलकों
"वो शख्स ख्वाबों की बस्ती में खींच लाये मुझे,
जो साथ झोड़ गया था वो याद आये मुझे"
"मैं टूट टूट के बिखरी हूँ कांच की मानिंद,
न जाने कौन है पलकों पे जो बिठाए मुझे"
"मैं अपनी ज़ात मे गुम बेखुदी में रहती हूँ,
सबा कीतरह कोई छेड़े गुदगुदाए मुझे"
"मैं सारी उम्र ख्यालो में रह के जी लूँगी,
फरेब राह गुज़र दे के क्यों बुलाए मुझे"
Monday, 24 September 2012
ख़ुलूस
"बड़े ख़ुलूस से उन के फरेब खाते रहे,
हमारी सादा दिली पे वो मुस्कुराते रहे"
"हमें तो तरके तआल्लुक भी रास आ न सका,
वो याद आते रहे और दिल दुखाते रहे"
"पहोच सके न सरे मंज़िले ख़ुलूस ओ वफ़ा,
कि रहनुमाओ से अब तक फरेब खाते रहे"
"बहुत गुमान था हमें अपनी पारसाई का,
मिले जो उन से तो सारे गुमान जाते रहे"
"सजा के चाँद से चेहरे पे बेरुखी के गहन,
जहाँ में अहले सितम ज़ुल्मते बढाते रहे"
Sunday, 23 September 2012
Saturday, 22 September 2012
सजा
"तू जो चाहे तो बड़ी सख्त सजा दे मुझको,
ये न हो अपनी निगाहों से गिरा दे मुझको"
"दिल नहीं है ये मेरे पहलू में आइना है,
जब भी चाहूं तो ये दिल तुझसे मिला दे मुझको"
"नेमतों से जो नवाज़ा है तो फिर बंदा नवाज़,
शुकरे नेमत भी अदा करना सिखा दे मुझको"
"मै कहानी हूँ उसी दर्द की जो तूने दिया,
दर्दमंदी का तकाज़ा है दुआ दे मुझको"
Wednesday, 19 September 2012
आबोदाना
"आबोदाना रहे रहे न रहे,
ये ठिकाना रहे रहे न रहे"
"बिजलियों की हो आरज़ू पूरी,
आशियाना रहे रहे न रहे"
"दोस्ती का भरम रहे कायम,
दोस्ताना रहे रहे न रहे"
"धूप में भी सफ़र रहे जारी,
शामियाना रहे रहे न रहे"
"आँच हरगिज़ न आये रिश्तो पर,
आना जाना रहे रहे न रहे"
"वो सलामत रहे क़यामत तक,
ये ज़माना रहे रहे न रहे"
Tuesday, 18 September 2012
महबूब
" लौट कर शहर से जब आएगा,
मेरा महबूब मुझको भाएगा"
" दूरियां जितनी होगी उल्फत में,
इश्क़ उतना ही रंग लाएगा"
" उसका आलम न जाने क्या होगा,
जब क़रीब अपने तुझको पाएगा "
" यह हकीक़त है रूठ जाऊंगा,
लब पर जब नाम गैर आएगा"
"LAUT KAR SHAHER SE JAB AAEGA
MERA MAHBOOB MUJHKO BHAEGA"
"DOORIYAN JITNI HOGI ULFAT ME
ISHQ UTNA HI RANG LAAEGA"
"USKA AALAM NA JAANE KYA HOGA
JAB KAREEB APNE TUJHKO PAAEGA"
"YE HAQEEQAT HAI ROOTH JAOONGA
LAB PAR JAB NAAM GAIR AAEGA"
Monday, 17 September 2012
उल्फत
"ऐसे बदलेगी तबियत मुझे मालूम न था"
तुमसे हो जाएगी उल्फत मुझे मालूम न था "
"आप यूँ गैर की बाहों में खो जाओगे,
मुझसे कर लोगे अदावत मुझे मालूम न था"
"रूठ जाएँगे वो एक रोज़ मुक़द्दर की तरह
दिल पे गुज़रेगी क़यामत मुझे मालूम न था"
"उसकी रुसवाई पे थी मैंने उछाली कीचड़
उसको मिल जाएगी शोहरत मुझे मालूम न था"
"आप मखमूर निगाहों से पिलाएँगे मुझे
दिल पे छा जाएगी रंगत मुझे मालूम न था"
" बन के रह जाएगी ये वजह जुदाई एजाज़
मेरी बेवजह शरारत मुझे मालूम न था" AISE BADLEGI TABIYAT MUJHE MALOOM NA THA
TUMSE HO JAAEGI ULFAT MUJHE MALOOM NA THA "
"AAP YU GAIR KI BAAHON ME KHO JAOGE
MUJHSE KAR LOGE ADAVAT MUJHE MALOOM NA THA"
"ROOTH JAENGE VO IK ROZ MUQADDAR KI TARAH
DIL PE GUZREGI QAYAMAT MUJHE MALOOM NA THA"
"USKI RUSWAI PE THI MAENE UCHHALI KEECHAR
USKO MIL JAAEGI SHOHRAT MUJHE MALOOM NA THA"
"AAP MAKHMOOR NIGAHON SE PILAAENGE MUJHE
DIL PE CHHA JAEGI RANGAT MUJHE MALOOM NA THA"
"BAN KE RAH JAAEGI YE VAJAH JUDAAI AIJAZ
MERI BEVAJAH SHARARAT MUJHE MALOOM NA THA"
दिलबर
"इक झील की मानिंद है दिलबर तेरी आखें,
अल्लाह की कुदरत का है मंज़र तेरी आखें "
"उठ जाये अगर प्यार से मरहम है ये दिल का
हो जाये खफा गर तो है नश्तर तेरी आखें"
"ये सोचता हूँ कैसे बचाऊंगा मै खुद को,
है हुस्न क़यामत तेरा उस पर तेरी आखें"
"खुशबु से मोअतर है तेरे जिस्म के आज़ा,
चेहरा है गुलाबो सा समंदर तेरी आखें"।
IK JHEEL KI MAANIND HAI DILBAR TERI AAKHEN
ALLAH KI QUDRAT KA HAI MANZAR TERI AAKHEN
UTH JAE AGAR PYAAR SE MARHAM HAI YE DIL KA
HO JAE KHAFA GAR TO HAI NASHTAR TERI AAKHEN
YE SOCHTA HOON KAISE BACHAUNGA MAI KHUD KO
HAI HUSN QAYAMAT TERA USPE TERI AAKHEN
KHUSHBOO SE MOATTAR HAIN TERE JISM KE AAZA
CHEHRA HAI GULAABON SA SAMANDAR TERI AAKHEN
Sunday, 16 September 2012
"क़त्ल तो छुपके कोई राह में कर जाता है,
और इलज़ाम मुसाफिर के ही सर जाता है"
"वोह मुसाफिर नहीं मंज़िल पे पहुँचता है कभी,
धूप से डर के जो साए में ठहर जाता हैं"
"लाख वादा वो करे उसपे य़की मत करना,
चंद सिक्कों के जो लालच में मुकर जाता है"
"अश्क थमते ही नहीं उमड़े चले आते हैं,
देखना है कि ये सैलाब कहा जाता है"
"नाज़ करता है वतन उसकी वफ़ादारी की,
जंग करते हुए सरहद पे जो मर जाता है"
"इतने तोड़े है सितम उसपे सदफ दुनिया ने,
आदमी अपने ही हमसाये से डर जाता है"
Thursday, 13 September 2012
Tuesday, 11 September 2012
"कुछ रंग है जो भरने के क़ाबिल नहीं होते,
ये अक्स अधूरे है मुकम्मल नहीं होते"
"कोशिश तो बहोत करते है डूबे नहीं लेकिन,
कुछ लोगों की तकदीर में साहिल नहीं होते"
"दस्तक भी न दी तुमने न आवाज़ लगाई,
ऐ दोस्त किसी घर में यूँ दाखिल नहीं होते"
"ये वक़्त की गर्दिश कहा ले जाएगी देखे,
सब राहो के रुख जानिबे मंजिल नहीं होते"
Monday, 10 September 2012
Sunday, 9 September 2012
"परदे में अपना हुस्न छुपाए हुए हो तुम,
फिर भी हर इक नज़र में समाए हुए हो तुम"
"बिखरी हुई है रौशनी चेहरे के आसपास
लगता है चांदनी में नहाए हुए हो तुम"
"जिसने तुम्हारे प्यार में खुद को मिटा दिया,
उस बावफा को दिल से भुलाए हुए हो तुम"
"बहने लगी बहार,फिजा मुस्कुरा उठी,
महसूस हो रहा है कि आए हुए हो तुम"
इक मेरा हाल जोश जुनू में बुरा नहीं,
दीवाना सैकड़ो को बनाए हुए हो तुम।"
"تیرے خط کا جواب لکھا ہے
بے ادب کو جناب لکھا ہے
"میرے مولا تیرے خزانوں میں
کچھ تو اپنا حساب رككھا ہے "
"بے عمل ہو گیا ہوں میں شاید
اب مسلسل عذاب لکھا ہے
"زندگی دی حساب سے اس نے
.اور غم بے حساب لکھا ہے "
"لی ہے دنیا سے دشمنی ہم نے
.آپ کو لاجواب لككھا ہے
"نیند روٹھی ہے اس لئے اعجاز
.خواب کو ہم نے جواب لکھا ہے
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